skill loan scheme नौ वर्ष से अलग-अलग बंदिशों में जकड़कर किए जा रहे कौशल विकास के प्रयासों के लिए अब जाकर सरकार ने नए सिरे से दिल और दायरा बढ़ाया है। रोजगार के लिए जिस तरह के कौशल पाठ्यक्रमों की आवश्यकता तकनीक के नए दौर में है, वह डेढ़ लाख रुपये में नहीं किए जा सकते।
skill loan scheme
कमजोर वर्ग के युवाओं की इस व्यावहारिक परेशानी और कौशल ऋण योजना की खामी को समझते हुए कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने अब ऋण सीमा को 7.5 लाख रुपये तक करते हुए मॉडल स्किल लोन स्कीम शुरू की है। इतना ऋण देने में बैंक भी संकोच न करें, इसलिए 70 से 75 प्रतिशत ऋण राशि पर गारंटी की जिम्मेदारी भी सरकार ने खुद ले ली है, ताकि छात्र कौशल विकास के महंगे पाठ्यक्रम कर रोजगार पा सकें।
पहले स्कीम में थीं कई दिक्कतें
इस बार बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मॉडल स्किल लोन स्कीम की घोषणा की। उसके दो दिन बाद ही गुरुवार को कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री जयन्त चौधरी ने कौशल भवन में आयोजित कार्यक्रम में इस योजना को लांच कर दिया। कौशल ऋण की योजना तो वर्ष 2015 से चल रही थी, लेकिन उसमें तमाम व्यावहारिक परेशानियां थीं। skill loan scheme अव्वल तो अधिकतम ऋण सीमा मात्र 1.5 लाख रुपये थी। यह ऋण भी सिर्फ उन्हीं पाठ्यक्रमों के लिए मिल सकता था, जो नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क में शामिल हों।
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skill loan scheme ऋण बांटने का अधिकार भी सिर्फ बैंकों को दिया गया था। यही कारण है कि नौ वर्ष में मात्र 10,077 युवाओं को कुल 115.75 करोड़ ऋण बांटा जा सका। बहरहाल, अब जाकर योजना में संशोधन किया गया है और ऋण सीमा को बढ़ाकर अधिकतम 7.5 लाख रुपये तक कर दिया गया है। इसमें चार लाख रुपये लोन तक 75 प्रतिशत और चार से 7.5 लाख रुपये तक लोन पर सरकार द्वारा गारंटी दी जाएगी। ऋणदाताओं की श्रेणी में बैंकों के साथ ही नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (एनबीएफसी) और स्मॉल फाइनेंस बैंकों को भी शामिल किया गया है।
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फ्रेम वर्क की बंदिश भी टूटी
skill loan scheme नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क की बंदिश को भी तोड़ दिया है। अब यह ऋण उन सभी पाठ्यक्रमों पर दिया जाएगा, जो कि कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के स्किल इंडिया डिजिटल हब प्लेटफार्म पर प्रदर्शित हैं। सरकार का मानना है कि इससे युवा अब भविष्य की जरूरत के अनुसार एआई, रोबोटिक्स सहित नए दौर के सभी तकनीकी व महंगे पाठ्यक्रम कर सकेंगे। इससे उन्हें रोजगार मिलने की संभावना कहीं प्रबल हो जाएगी। चूंकि, सरकार ऋण की गारंटी ले रही है, इसलिए बैंक या एनबीएफसी को भी ऋण वितरण में कोई संकोच नहीं होगा।योजना की शुरुआत करते हुए जयन्त चौधरी ने कहा भी कि बाजार की आवश्यकता के अनुरूप वर्कफोर्स तैयार नहीं किया जा सका है।
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पिछली ऋण योजना का लाभ अधिक युवा नहीं उठा सके। योजना में तमाम सीमाएं थीं। अब मिलकर इन चुनौतियों को दूर करेंगे तो सकारात्मक परिणाम भी सामने आएंगे।सचिव अतुल कुमार तिवारी ने कहा कि इस तरह की योजना की जरूरत थी, क्योंकि कौशल विकास के कई कोर्स बहुत महंगे हैं। skill loan scheme इसी विचार के साथ इस योजना पर डेढ़ वर्ष से इस योजना पर काम चल रहा था। इस दौरान एआइसीटीई के चेयरमैन प्रो. टीजी सीताराम, मंत्रालय के वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार नीलाम्बुज शरण, एनएसडीसी के चेयरमैन वेदमणि तिवारी और इंडियन बैंक एसोसिएशन के डिप्टी चीफ जीएम भगत भी उपस्थित थे। skill loan scheme
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